नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एग्जिट पोल की जांच करवाने की मांग वाली याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए शुक्रवार को खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया था कि मीडिया हाउस और उनसे जुड़ी कंपनियां मतदान के बाद एग्जिट पोल दिखाकर निवेशकों को प्रभावित करती हैं। ऐसे में लोकसभा के फाइनल चरण के बाद दिखाए गए एग्जिट पोल की जांच करवानी चाहिए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है। बेंच ने कहा कि सरकार बन चुकी है।
अब चुनाव के दौरान क्या होता है इसकी गाथा बंद करें और अब देश में शासन शुरू करें। अब लोकसभा चुनाव पर बहस बंद होनी चाहिए और प्रशासन पर ध्यान देना चाहिए। पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे को संभालने में सक्षम है और वह चुनाव आयोग को नहीं चला सकता, इसलिए याचिका खारिज की जाती है। इस याचिका में कहा गया था कि चुनाव के बाद एग्जिट पोल से निवेशक प्रभावित हुए और फिर परिणाम आने के बाद शेयर मार्केट धराशाई हो गया और उन्हें 31 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। याचिका में कहा गया था कि मतदान के बाद मीडिया हाउसों ने बहस शुरू कर दी और निवेशकों को शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए प्रेरित कर दिया। इससे शेयर मार्केट अप्रत्याशित रूप से उछला। इसके बाद जब परिणाम आए तो शेयर मार्केट तेजी से गिर गया। आम निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपए डूब गए। यह याचिका ऐडवोकेट बीएल जैन ने फाइल की थी।
एग्जिट पोल की जांच कराने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
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