नैनीताल । उत्तरकाशी के जखोल में स्थित पौराणिक सोमेश्वर महादेव मंदिर का एक फाउंडेशन की ओर से जीर्णोद्धार मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने शासन की जांच पर पूर्व में लगी रोक को आगे बढ़ाया है। साथ ही उप जिलाधिकारी से मंदिर की वर्तमान स्थिति को देखने को कहा है। अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई दशहरा के बाद होगी।
आज यानी 27 सितंबर को सुनवाई के दौरान जखोल सोमेश्वर मंदिर समिति के एक सदस्य की ओर से जीर्णोद्धार पर लगी रोक को निरस्त करने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र पेश किया गया। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि मंदिर की स्थिति जीर्णशीर्ण हालात में है। जो कभी भी धराशायी हो सकता है। इसलिए इस पर लगी रोक को हटाया जाए। मामले में कोर्ट ने इस पर लगी रोक को बरकरार रखते हुए उप जिलाधिकारी को देखने के निर्देश दिए हैं।
गौर हो कि मामले में सोमेश्वर महादेव मंदिर समिति के संयुक्त सचिव रामलाल विश्वकर्मा की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि मोरी के जखोल स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर सदियों पुराना है। यहां पांडवों की ओर से पूजा किए जाने की भी मान्यता है। साल 1861 में यहां आकर्षक नक्काशी युक्त मूर्ति स्थापित की गई थी।
इस मंदिर में आसपास के 22 गांवों के ग्रामीणों समेत दूर-दराज के लोगों की अटूट आस्था है। स्थानीय लोग लंबे समय से इस मंदिर की मरम्मत पुरातत्व विभाग से कराने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मान्यताओं के अनुसार मंदिर का मरम्मत कार्य स्थानीय देव शिल्पियों से कराना होगा, लेकिन एक फाउंडेशन बाहर के मिस्त्रियों से यह काम कराना चाहता है। वहीं, सोमेश्वर महादेव मंदिर समिति ने इस संबंध में उक्त फाउंडेशन के समक्ष अपना विरोध भी दर्ज किया था। साथ ही संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज को भी प्रत्यावेदन दिया था। जिस पर मंत्री महाराज ने इस मामले के जांच के आदेश विभाग के सचिव को दिए। याचिका में कहा गया कि है कि फाउंडेशन की ओर से मरम्मतीकरण पर रोक लगाई जाए।