भू-राजस्व सम्बन्धी मुकदमों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए दिशा निर्देश जारी
भू-राजस्व से सम्बंधित मुकदमों का निस्तारण प्राथमिकता पर हो, लापरवाही पर कार्रवाई होगी: सीएम योगी
लखनऊ: लखनऊ से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लापरवाही पर कार्यवाही होगी.. आईए जानते हैं इसके बारे में…
लखनऊ में शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने सभी अफसरों को पत्र भेजकर भू-राजस्व सम्बन्धी मुकदमों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने जारी पत्र में कहा है कि भू राजस्व से जुड़े मुकदमों का निस्तारण शासन की प्राथमिकता है।
दरअसल, इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न शासनादेशों के माध्यम से समय-समय पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि RCCMS पोर्टल की समीक्षा किए जाने पर संज्ञान में आया है कि कुछ राजस्व न्यायालयों में वाद को तत्काल दर्ज नहीं किया जा रहा है, बल्कि दर्ज किए बिना ही मुकदमों की सुनवाई की जा रही है एवं मुकदमे में निर्णय की स्थिति आने पर ही उनको पोर्टल में दर्ज किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त अधिक निस्तारण दिखाने के लिए कुछ राजस्व न्यायालयों द्वारा लम्बित वादों को मासान्त में एकपक्षीय खारिज कर दिया जाता है एवं उन्हीं मुकदमों को अगले माह पुनः रिस्टोर कर लिया जा रहा है। इस प्रकार की कार्यवाही नितान्त आपत्तिजनक है।
अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से ऐसे मामलों की समीक्षा के बाद सख्त निर्देश दिए गए हैं। भू राजस्व से सम्बंधित मुकदमों का निस्तारण करने को लेकर लखनऊ में सीएम योगी ने कहा है कि इस प्रकार के मुकदमों की मॉनिटरिंग राजस्व परिषद, मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी स्तर से गहनता से किया जाए एवं निर्धारित समयानुसार निस्तारण किया जाए। प्रक्रिया से हटकर काम किये जाने पर सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। इसके साथ ही ऐसे मामलों में राजस्व न्यायालयों में वाद दर्ज करने की प्रक्रिया को शुरु से अंत तक ऑनलाइन किया जाए।
ये दिशा निर्देश जारी
- दर्ज वादों में जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र निर्गमन की भाँति प्रत्येक स्तर पर समयबद्धता लागू की जाए.
- वाद ऑनलाइन यूनिक नम्बर जैनरेट होने पर ही दर्ज माना जाए.
- प्रत्येक स्तर पर हो रही कार्रवाई की सूचना SMS द्वारा आवेदकों को उनके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर भेजी जाए.
- दर्ज वादों की स्थिति देखने की सुविधा सम्बन्धित पोर्टल पर आवेदक को उपलब्ध कराई जाए.
- आदेशों को डिजिटल साइन से पोर्टल पर अपलोड किया जाए एवं प्रत्येक आदेश पर QR कोड अंकित हो, ताकि आदेशों की शुचिता एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके.
- E-office की तरह वादों की पत्रावलियाँ भी पूरी तरह से ऑनलाइन होनी चाहिए.