- स्किल लीप प्रोजेक्ट जिसका उद्देश्य बिहार में मौजूद डिजिटल डिवाइड को दूर करना है
- भारत में स्थित बिहार राज्य के 2,700 छात्रों को सशक्त बनाने की पहल
पटना: दुबई स्थित जुमेराह कॉलेज के 17 वर्षीय छात्र कविन खन्ना ने KCS Foundation इंडिया के साथ मिलकर स्किल लीप प्रोजेक्ट की शुरुआत की है – जो कि डिजिटल साक्षरता की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसके माध्यम से अब तक बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के 2,700 से अधिक वंचित छात्रों को सशक्त बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य डिजिटल डिवाइड जैसे अंतर को दूर करना तथा उन्नत तकनीक से सुसज्जित कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की शुरुआत करके डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है, साथ ही एक ऐसा तैयार पाठ्यक्रम प्रदान करना है जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार कर सके।
पहली स्किल लीप लैब का उद्घाटन सितंबर 2023 में बिहार के समस्तीपुर जिले के कैना गांव में किया किया गया था, जो 20 अत्याधुनिक कंप्यूटरों से सुसज्जित थी और जिसे तीन स्थानीय शिक्षकों द्वारा पूर्णकालिक समर्थन प्राप्त था। यह पहल KCS Foundation के सहयोग से संचालित की जाती है, जो कि नीति आयोग (DARPAN) के तहत पंजीकृत एक समुदाय-केंद्रित गैर-लाभकारी संस्था है। फाउंडेशन ने स्कूल की पहचान करने, स्टाफ की नियुक्ति करने तथा इस प्रोग्राम को जारी रखने में जमीनी स्तर पर अपना सहयोग प्रदान किया।
दुबई से ही इस पहल का नेतृत्व करने वाले कविन छात्रों के साथ साप्ताहिक इंटरैक्टिव ऑनलाइन सेशन आयोजित करते हैं साथ ही उन्होंने वर्कशॉप और प्रेरक सत्रों के माध्यम से शिक्षकों एवं छात्रों के साथ जुड़ने के लिए अप्रैल 2025 में बिहार केंद्र का दौरा किया। उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों में सहयोग प्रदान करने के लिए वैश्विक योगदानकर्ताओं की ओर से लगभग 10,000 डॉलर की धनराशि प्राप्त हुई है।
स्किल लीप को जो चीज अलग बनाती है, वह है इसका संरचित, भविष्य-केंद्रित पाठ्यक्रम, जिसे कविन ने शिक्षकों और प्रौद्योगिकीविदों के परामर्श से तैयार किया है। छात्रों को डिजिटल साक्षरता, कंप्यूटर ऑपरेशन, कोडिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और व्यावहारिक वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह पाठ्यक्रम आधारभूत कौशलों को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ मिश्रित करता है – जो छात्रों को न केवल डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए तैयार करता है, बल्कि उसमें सफल होने के लिए भी तैयार करता है।
अपने मिशन के बारे में बताते हुए कविन खन्ना ने कहा, “स्किल लीप एक प्रोजेक्ट से कहीं बढ़कर है – यह सभी को समान अवसर प्रदान किये जाने की शक्ति में निहित विश्वास से प्रेरित एक आंदोलन है। ग्रामीण बिहार के 2,700 से अधिक विद्यार्थियों को डिजिटल कक्षा में कदम रखते देखना, जिनमें से कई ने अपने जीवन में पहली बार ऐसा किया, अत्यंत सुखद अनुभव था। हम छात्रों को सिर्फ तकनीक का उपयोग करना नहीं सिखा रहे हैं; हम उन्हें दिखा रहे हैं कि वे संभावनाओं से भरी एक बड़ी दुनिया का हिस्सा हैं। यदि हम किसी एक भी बच्चे में बड़े सपने देखने और एक अलग भविष्य बनाने का आत्मविश्वास जगा सकें, तो हम समझेंगे कि हमारे द्वारा किया गया हर प्रयास सार्थक हो गया। यह तो बस एक शुरुआत है—हम एक ऐसी नींव तैयार कर रहे हैं जो आजीवन बदलाव की दिशा में अग्रसर रहेगी।”
स्किल लीप पाठ्यक्रम में डिजिटल साक्षरता, बेसिक कंप्यूटर ऑपरेशन, कोडिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और वित्तीय कौशल शामिल हैं – जिसे छात्रों को आज की तकनीक-संचालित दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान से लैस करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
KCS Foundation के संस्थापक, पंकज झा ने कहा, “जब कविन जैसे युवा चेंजमेकर हमारे जैसे जमीनी स्तर के संगठन से हाथ मिलाते हैं, तो वास्तविक प्रभाव सामने आता है। उनकी दूरदर्शिता, ऊर्जा और अटूट प्रतिबद्धता ने हमें बिहार के उन कोनों तक डिजिटल शिक्षा पहुंचाने में मदद की है, जिन्हें अक्सर भुला दिया जाता है। हम जो बदलाव देख रहे हैं वह एक बहुत बड़ा बदलाव है; जिन बच्चों ने कभी कंप्यूटर को छुआ तक नहीं था, वे अब कोडिंग करना, AI को जानना, तथा गंभीरतापूर्वक सोचना सीख रहे हैं। इस पहल के माध्यम से सिर्फ डिजिटल डिवाइड जैसे अंतर को ही समाप्त नहीं किया जा रहा है, बल्कि यह इन समुदायों में विश्वास और आशा भी उत्पन्न कर रही है। हमें सशक्तिकरण की इस यात्रा में भागीदार होने पर गर्व है।
विस्तार योजनाओं के तहत, स्किल लीप प्रोजेक्ट का लक्ष्य भारत के अन्य वंचित क्षेत्रों में भी अपने इस प्रभाव की छाप छोड़ना है। युवा नेतृत्व की ऊर्जा को जमीनी स्तर की विशेषज्ञता के साथ एकीकृत करके, यह प्रोजेक्ट शिक्षा में व्यापक और स्थायी परिवर्तन लाने के लिए एक आकर्षक मॉडल के रूप में सामने आया है।