पश्चिम बंगाल के मालदा ने नोट लाकर उत्तराखण्ड में खपाने की थी तैयारी
हल्द्वानी। नैनीताल पुलिस ने नकली नोटों का कारोबार करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 500 रुपये के कुल 3.07 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं। यह गिरोह पश्चिम बंगाल के मालदा से नकली नोट लाकर उत्तराखंड में खपाने की फिराक में था।
मामला तब सामने आया जब गत 9 अक्टूबर को लालकुआं पुलिस ने चेकिंग के दौरान शिवम वर्मा नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। उसके पास से 9,000 रुपये के नकली नोट बरामद हुए। शिवम वर्मा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिसमें उसने अन्य साथियों के नामों का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस ने 13 अक्टूबर को पुरानी नगीना कॉलोनी के एक खंडहर में छापेमारी कर आसिफ अंसारी उर्फ आशिक रजा, सय्यद मौज्जम अली और अली मोहम्मद को गिरफ्तार किया। इन तीनों के पास से बड़ी मात्रा में नकली नोट बरामद हुए, जिनकी कुल कीमत 2.67 लाख रुपये बताई जा रही है।
अगले दिन, 14 अक्टूबर को, पुलिस ने विनोद कुमार नाम के एक अन्य आरोपी को खैरानी जंगल से गिरफ्तार किया। उसके पास से 5,500 रुपये के नकली नोट बरामद हुए। जांच में यह भी पता चला कि शिवम वर्मा ने अपनी गिरफ्तारी से पहले विनोद कुमार को नकली नोटों का कुछ हिस्सा दे दिया था। विनोद कुमार की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर विजय टम्टा और संतोष कुमार को भी गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 25,500 रुपये के नकली नोट और कुछ जली हुई नकली नोटों की राख बरामद की। पुलिस की अब तक की जांच से पता चला है कि यह गिरोह पश्चिम बंगाल के मालदा से नकली नोट लाकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में फैला हुआ था। गिरोह के सदस्य नकली नोटों को असली नोटों के रूप में चलाने का काम करते थे। पुलिस इस मामले में आरोपी शिवम वर्मा के खोले गए एक अज्ञात करंट अकाउंट की भी जांच कर रही है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन की संभावना जताई जा रही है। इस पूरी कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम को एसएसपी नैनीताल ने 2,500 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की गई है।
राज्य मंे तीसरी घटना-अब रेलवे ट्रैक पर रखी मिली मोटी केबल तार
ड्राइवर की सूझबूझ से टला हादसा
खटीमा। इन दिनों जहां एक तरफ रेल हादसों की बाढ़ सी आई हुई है वहीं दूसरी तरफ रेलवे ट्रैक पर रसोई गैस सिलेंडरों और अन्य ऐसे सामान रखकर जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है, के मिलने की दर्जनों घटनाएं बीते कुछ दिनों में सामने आई है जो किसी षड्यंत्र की ओर इशारा करने वाली है। इस तरह की एक घटना बीती रात उत्तराखंड के खटीमा-बनबसा रेलवे ट्रैक में भी सामने आई है। हालांकि ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से बड़े हादसे को टाल दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह ट्रेन के ड्राइवर को रेलवे की पटरी पर कुछ रखा होने का आभास हुआ तो उसने ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। पास जाकर जब देखा गया तो पटरी पर एक मोटा केबल तार रखा मिला जिसकी सूचना रेलवे स्टेशन और रेल अधिकारियों को दी गई। केबल को हटाकर ट्रेन को 15 मिनट बाद रवाना किया गया। इस मामले की रिपोर्ट थाने में अज्ञात लोगों के नाम दर्ज कर ली गई है। रेलवे पुलिस अब इसकी जांच में जुटी हुई है। मामला भारत नेपाल सीमा के नजदीक का है इसलिए इसे आतंकी गतिविधियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
उत्तराखंड में यह तीसरा ऐसा मामला सामने आया है इससे पहले रुड़की के लैंढ़ोरा व ढंडेरा रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक पर 5 केजी वाला छोटा रसोई गैस सिलेंडर रखा मिला था इससे पूर्व रुद्रपुर रामनगर रेलवे ट्रैक पर एक बिजली का पोल रखा हुआ मिला था। जिस मामले में पुलिस ने दो नशेड़ी युवकों को गिरफ्तार किया गया था। यह अलग बात है कि अब तक की इन सभी घटनाओं से रेलवे या यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है लेकिन लगातार सामने आ रही यह घटनाएं किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा जरूर करती हैं।
3 लाख के नकली नोटों के साथ गिरोह को पुलिस ने दबोचा
Leave a comment
Leave a comment