- सबसे खतरनाक जहरीला सांप है एशिया का रसेल वाइपर
निशांत भारती
विकासनगर : देवभूमि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून जनपद के ढकरानी इलाके में रविवार को सबसे खतरानाक जहरीला सांप मिलने से लोगों में डर बना रहा। डर बना रहने की बात तो इसलिए भी थी कि एक सांप नहीं पाया गया बल्कि एक साथ काफी ज्यादा संख्या में पाए गए जिससे लोगों में डर का भय बना रहा। यह सांप भारत के पंजाब में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, पश्चिमी तट और इसकी पहाड़ियों पर बहुत आम है, और दक्षिणी भारत में, विशेष रूप से कर्नाटक राज्य और उत्तर में बंगाल में। यह गंगा घाटी, उत्तरी बंगाल और असम में दुर्लभ से असामान्य है। रसेल वाइपर किसी विशेष निवास स्थान तक सीमित नहीं है, लेकिन घने जंगलों से बचता है। जिसकी सूचना फोरन सभी क्षेत्रवासियों को हो गई । सांप मिलने की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने 26 रसेल वाइपर सांपों को रेस्क्यू किया।
स्नैक मैन अदिल मिर्जा से मिली जानकारी के अनसार रविवार सुबह ढकरानी के गंगभेवा बावड़ी के पास भारी संख्या में रसेल वाइपर सांप के बच्चे मिलने की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। सूचना पर वन विभाग की टीम के साथ वे मौके पर पहुंचे। आदिल मिर्जा बतातें हैं कि इतनी अधिक संख्या में जहरीले सांपों को देख वन विभाग से लेकर हर कोई दंग रह गया। उनके मुताबिक, रसेल वाइपर सबसे जहरीले प्रजाति का सांप माना जाता है। इस क्षेत्र में रसेल वाइपर सांप दिखना हैरानी की बात है। अन्य सांपों के मुकाबले रसेल सांप एशिया का सबसे खतरनाक सांप माना जाता है। रसेल के वाइपर के जहर में मेटालोप्रोटीनस “हेमरेजिन” भी होता है, जो संवहनी एंडोथेलियम और विषाक्त पदार्थों को नुकसान पहुंचाता है जो प्लेटलेट फ़ंक्शन को ख़राब करते हैं। विष-प्रेरित गड़बड़ी से घनास्त्रता और सहज रक्तस्राव होता है, और बाद में एडिमा और सदमे की स्थिति पैदा होती है। तीव्र गुर्दे की विफलता आम तौर पर मृत्यु का कारण होती है। रसेल वाइपर को भारत में कई जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. आम तौर पर इसे दबौया, दगाबाज सांप के नाम से जाना जाता है।
दो प्रजातियों के होते रसेल वाइपर
यह अध्ययन रसेल वाइपर की दो प्रजातियों की उपस्थिति का प्रमाण प्रदान करता है। डेबोइया रसेली फॉर्मोसेन्सिस (ताइवान), डी.आर. स्यामेंसिस (थाईलैंड और बर्मा) और डी।
कैसे करें इसकी पहचान
एक तरफ जहां अजगर बिल्कुल भी जहरीला नहीं होता तो वहीं रसल वाइपर एक जहरीला सांप है. रसल वाइपर की अधिकतम लंबाई तकरीबन 3.5 फीट तक होती है वहीं अजगर की अधिकतम लंबाई 30 फीट होती है. रसल वाइपर की त्वचा खुरदुरी होती है जबकि अजगर की त्वचा चिकनी होती है.
जानें रसेल वाइपर से निकलता है कितना जहर
रसेल वाइपर (डेबोइया रसेली) एक बार में ही काफी मात्रा में जहर देने के लिए जाना जाता है। सटीक मात्रा अलग-अलग हो सकती है, लेकिन औसतन, यह प्रति काटने पर लगभग 20-40 मिलीग्राम जहर दे सकता है।