पेड़ गिरने से बंद हुआ मसूरी-देहरादून मार्ग, एंबुलेंस फंसी
देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले दो दिन प्रदेश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में अधिकांश जगहों पर भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने भारी बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। साथ ही मौसम विभाग ने प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के चलते नुकसान होने की संभावना पर खास जोर दिया है। ऐसे में नदी नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया अगले दो दिन यानी 17 और 18 जुलाई को पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले के अधिकांश हिस्सों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही अन्य पर्वतीय जिलों उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत और नैनीताल समेत देहरादून में भी कई जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग में चेतावनी जारी करते हुए प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा के दौरान सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
मसूरी-देहरादून मार्ग पर पेड़ गिरने से मार्ग बंद हो गया। जिसके कारण यहां लंबा जाम लग गया। इस जाम में एंबुलेंस भी फंस गई। बताया जा रहा है कि एंबुलेंस मसूरी से मरीज लेकर देहरादून जा रही थी। मार्ग बंद होने के कारण लोगों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ी। मार्ग बंद होने की सूचना पर राजपुर पुलिस, वन विभाग और फायर सर्विस की टीम मौके पर पहुंची।
बीती रात से हल्द्वानी में हो रही भारी बारिश के कारण देव खड़ी नाले में उफान आ गया जिसमें दो कारें बह गई। क्षेत्र के कलसिया व खलसिया नालों में भारी बारिश के कारण क्षेत्र के आवासीय भवनों को पहले ही भारी नुकसान हो चुका है।
उधर पिथौरागढ़ के मुंसियारी रोड पर मदकोट के पास तेज बारिश के बाद पहाड़ से झरना फूट पड़ा जिससे लोग दहशत में आ गए। पौड़ी में एनएचकृ534 में कोटद्वारकृदुगड्डा मार्ग पर भारी भूस्खलन से सड़क मार्ग बाधित हो गया है। जहां बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक इस सड़क के आज खुल पाने की संभावना नहीं है, ऐसे में जो लोग यहां फंसे हैं अगर और बारिश होती है तो उनकी मुसीबतें बढ़नी तय हैं। चमोली से प्राप्त समाचार के अनुसार यहां फिर हेलंग मारवाड़ी बाईपास पर भारी भूस्खलन से यातायात बंद होने की खबर है।
उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान खासकर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा जैसे हालात बनते रहे हैं। यही वजह है कि मानसून सीजन शुरू होने के बाद ही उत्तराखंड सरकार आपदा के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष फोकस करती है। इसी क्रम में अब आपदा विभाग राहत बचाव कार्यों के रिस्पांस टाइम के अध्ययन पर जोर दे रही है। जिसके तहत पिछले कुछ सालों के भीतर राज्य में आई आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों के रिस्पांस टाइम का डेटाबेस तैयार कर अध्ययन किया जा सके। जिससे आने वाले समय में रिस्पांस टाइम को बेहतर किया जा सके।
उत्तराखंड के नौ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
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