- सड़क कटान के दौरान मलबा को डंपिंग जोन में डालने व संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
- 20 वर्षो में पहली बार किसी विभागीय मंत्री ने पीएमजीएसवाई कार्यालय में पहुंचकर की समीक्षा
देहरादून। सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री गणेश जोशी ने शनिवार को देहरादून के आईटी पार्क स्थित यूआरआरडीए कार्यालय में पीएमजीएसवाई की समीक्षा की। जिसमें मुख्य रूप से अधिकारियों के साथ बारिश के कारण बंद हुई सड़कों की समीक्षा की गई। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के चीफ इंजीनियर तथा प्रदेश के 53 पीआईओ और पीएएसयू भी जुड़े। बैठक के दौरान ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आपदा में क्षतिग्रस्त सड़कों तथा बारिश के कारण बंद हुई सड़कों की विस्तार से जानकारी ली। मंत्री ने जनपदवार बरसात से बंद हुई सड़कों की संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली और शीघ्रता से सड़क मार्ग खोलने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री ने सड़क मार्गों को खोलने के कार्य तेजी से किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क कटान के दौरान मलवा को चिन्हित स्थान पर डंपिंग जोन का निर्माण कर मलवा को डंपिंग जोन में ही डाला जाए ताकि किसी की खेती को नुकसान न हो। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मलवा के कारण जलस्त्रोत बंद न हो, इसपर विशेष ध्यान दिया जाए। कटान के दौरान शेष मलवे से किसी काश्तकार का नुकसान होने पर संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। मंत्री ने सड़क निर्माण या कटान के दौरान मलवा किसी भी हाल में बहार ने डाले यह सुनिश्चित किया जाए।
मंत्री जोशी ने सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए सड़कों की गुणवत्ता और मरम्मत के कार्यों हेतु अधिकारी फील्ड में जाकर गुणवत्ता की जांच की जाए और संबंधित अधिकारी और ठेकेदार की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुआवजे वितरण में आ रही अमीन कार्मिको की समस्या के संबंध अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस फील्ड के एक्सपर्ट रिटायर्ड लोगों से संपर्क किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सड़क निर्माण में भू स्वामियों को शीघ्रता से मुआवजा के पेंडिंग कार्यों को तेजी से किया जाए। मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश भर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े संबंधित अधिकारियों को अपने डिविजन में पी.एम.जी.एस.वाई. के अंतर्गत सड़क मार्गों, पुलों के निर्माण समय सीमा के भीतर गुणवत्ता के साथ कार्य करने के निर्देश भी दिए।
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि आगणन बनाने के दौरान पहाड़ों के टीटमेंट का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, पेयजल एवं झील आदि के संरक्षण का आवश्यक रुप से ध्यान रखने के निर्देश भी दिये। काबीना मंत्री ने अनुरक्षण वाली सड़कों पर समय-समय पर भ्रमण करने तथा उनपर विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण को रुटीन में अमल पर लाने के भी निर्देश दिये। मंत्री ने पिछले कई वर्षो से आपदा के दौरान हायर किये गये वाहनों एवं मशीनों की बकाया राशि के लिए आपदा विभाग से संपर्क एवं समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिये।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि दैवीय आपदा में प्रदेश में आज कुल 64 सड़के बंद है। जिसमे 41 कुमाऊं तथा 23 गढ़वाल क्षेत्र की है। जिनको खोलने के लिए 238 जेसीबी मशीनें लगाई गई है। बंद हुई सड़कों का कार्य तेज गति से किया जा रहा है।
बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा बताया गया कि विगत 20 सालो में पहली बार पी.एम.जी.एस.वाई. के यूआरआरडीए कार्यालय में विभागीय मंत्री ने विभागीय समीक्षा की है। मुख्य अभियंता ने विभागीय मंत्री का आभार प्रकट किया और कहा कि इस बैठक के बाद सभी अभियंतागण एक नये जोश के साथ कार्य करेंगे। इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, मुख्य अभियंता आरपी सिंह, मुख्य अभियंता कुमाऊँ एसएन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।