हल्द्वानी। तराई पूर्वी वन विभाग अंतर्गत वन अपराधों में लिप्त 10 गाड़ियों को विभाग ने सरकारी संपत्ति यानी राजसात कर दिया है। जिसके तहत अब विभाग इन गाड़ियों को नीलामी करने जा रहा है। डीएफओ तराई पूर्वी वनप्रभाग हिमांशु बागड़ी ने बताया वन अपराध में पकड़े गए इन सभी वाहनों का नीलम होना है। यह अवैध खनन और अवैध लकड़ी तस्करी में पकड़े गए हैं।
वाहनों को राजसात (सरकारी संपत्ति) घोषित कर दिया है। इन वाहनों को भारतीय वन अधिनियम 1027 के तहत राजसात घोषित करने की कार्रवाई की गई है। साथी इन गाड़ियों का परिवहन विभाग से मूल्यांकन भी कराया गया है। मूल्यांकन के आधार पर गाड़ियों की नीलामी की जाएगी। उन्होंने बताया आचार संहिता खत्म होते ही गाड़ियों को नीलामी करने की कार्रवाई की जाएगी। पकड़े गए सभी वाहन अपराध से जुड़े हुए हैं। गाड़ी मालिकों को कई बार नोटिस के माध्यम से अवगत कराया गया। उनके द्वारा जुर्माना नहीं जमा किया गया। गौरतलब है कि तराई पूर्वी वन प्रभाग अंतर्गत कई नदियां आती हैं, नदियों से अवैध खनन के मामले सामने आते रहते हैं। जहां वन विभाग इन अवैध खनन करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी करता है। इसके अलावा लकड़ी तस्कर भी तस्करी में गाड़ियों का प्रयोग करते हैं। पकड़े जाने पर वन विभाग इन गाड़ियों को जब्त कर कानूनी कार्रवाई करता है। डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया वन अधिनियम के अंतर्गत जो केस दर्ज किए जाते हैं जिसमें वन उपज या उप खनिज का अवैध खनन व परिवहन करते हुए पकड़े गए वाहन शामिल होते हैं।
वन अपराधों में पकड़ी गई गाड़ियां सरकारी संपत्ति घोषित
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