रायबरेली । जिले के परशदेपुर इलाके में दो बच्चों की कार में दम घुटने से मौत हो गई। बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे, इसी दौरान दोनों सफारी गाड़ी में घुस गए। बच्चों के अंदर जाते ही गाड़ी का दरवाजा लॉक हो गया। भीषण गर्मी में दोनों बच्चों की कार में ही मौत हो गई। इधर, परिजनों को इसकी भनक तक नहीं लगी। बच्चों के रोने-चिल्लाने की आवाज भी उन तक नहीं पहुंची। काफी देर बाद गाड़ी की लाइट जलती देख जब उन्होंने दरवाजा खोला एक बच्चा मृत मिला जबकि दूसरे की अस्पताल ले जाते समय सांसें थम गईं।
अमेठी के जायस कोतवाली निवासी चांदनी पत्नी मो। चांद अपने मायके आई हुई थी, जो कि रायबरेली के परशदेपुर कस्बे के वार्ड नंबर 07 के कजियाना मोहल्ला में है। मो। राशिद का छह वर्षीय पुत्र कौनेन व चांदनी का चार वर्षीय पुत्र अब्दुल्ला साथ में खेल रहे थे। खेल-खेल में ही दोनों मासूम घर के पीछे खड़ी सफारी कार में जाकर बैठ गए। बताते हैं कार अचानक लॉक हो गई और दोनों बच्चे उसके अंदर ही फंस गए। बच्चे काफी देर तक चीखते रहे। हालांकि शीशे के कारण उनकी आवाज बाहर नहीं जा सकी। वहीं गर्मी भी प्रचंड थी। जिससे कुछ देर बाद ही दोनों मासूम बेसुध होने लगे।
इधर परिजनों को काफी देर तक बच्चे नहीं दिखे तो खोज करने लगे। बच्चों को ढूंढते हुए घर के पीछे गए तो देखा कि कार के अंदर की लाइट जल रही थी। परिजनों ने जैसे ही गाड़ी का गेट खोला तो अंदर का मंजर देख होश उड़ गए। कार के अंदर ही अब्दुल्ला की सांसें थम गई थीं। वहीं कौनेन की सांसें चल रही थीं और वह पसीने से लथपथ था। परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल ले गए, जहां से चिकित्सकों ने लखनऊ रेफर कर दिया।
बताते हैं कि लखनऊ ले जाते समय रास्ते में ही दूसरे मासूम ने भी दम तोड़ दिया। परिजनों ने दोनों बच्चों को दफना दिया। इस मामले में क्षेत्राधिकारी वन्दना सिंह ने बताया कि घटना हुई है, लेकिन परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी। बच्चों के परिजन सदमे में हैं।
खेलते-खेलते कार में लॉक हो गए 2 बच्चे, कोई नहीं सुन पाया उनकी चीख

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