देहरादून। उत्तराखंड में गुप्ता बंधुओं का बड़ा रसूख रहा थे। उन्हें भाजपा की राज्य सरकार की ओर से जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। इसके अलावा तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गुप्ता बंधुओं को वाई तो फिर भाजपा सरकार में जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। राज्य में सरकार भले किसी की दल की बने, लेकिन उत्तराखण्ड की सत्ता में गुप्ता बंधुआंे का रसूख था। सुरक्षा का सारा खर्च खुद गुप्ता बंधु ही उठाते थे। लेकिन समय का चक्र बदला तो स्थितियां भी बदल गईं। जो पुलिस साये की तरह गुप्ता बंधुओं के साथ चलती थी वहीं पुलिस अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता का हाथ पकड़कर कोर्ट में लेकर पहुंची। पर यहां अब सवाल यह उठता है कि भारत दुनियां का बड़ी आबादी वाला देश है। जहां 27 राज्य है। इनमें से गुप्ता बंधुओं ने उत्तराखण्ड को ही क्यों चुना था। इसकी जांच भी होनी चाहिए। तभी जाकर सारी असलियत का पता चल सकता है।
नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी के आत्महत्या मामले के बाद पुलिस ने एनआरआई गुप्ता बंधुओं के अजय गुप्ता और उसके बहनोई अनिल गुप्ता को गिरफ्तार किया है। चर्चित उद्योगपति और दक्षिण अफ्रीका की सियासत में कभी भूचाल लाने वाले गुप्ता बंधु हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। इनके कारण दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद से ही गुप्ता बंधु हमेशा सुर्खियों में रहने लगे। गुप्ता बंधुओं में अजय गुप्ता का देहरादून से खासा नाता रहा है। 2017 में उत्तराखंड सरकार ने इन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी थी। उस समय जब गुप्ता बंधु देहरादून आते थे तो उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाती थी। इससे पहले की कांग्रेस सरकार में वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। लेकिन वही पुलिस शनिवार को कड़ी सुरक्षा में रहने वाले गुप्ता बंधुओं में अजय गुप्ता को आरोपी बनाकर हाथ पकड़कर कोर्ट लेकर पहुंची।
जांच का विषयः गुप्ता बंधुओं को उत्तराखण्ड में कांग्रेस शासन में भी मिली थी वाई श्रेणी की सुरक्षा
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