देहरादून। बीती 5 मई को आयोजित नीट यूजी प्रवेश परीक्षा में पकड़े गए मुन्ना भाई को पुलिस ने हिरासत में लेकर परिजनों को सौंप दिया है। आरोपी अभ्यर्थी का दोस्त था। जिसे अभ्यर्थी ने परीक्षा देने के लिए रकम दिया था। उनके बीच दो लाख रुपए में सौदा हुआ था। पुलिस ने आरोपी को 41ं का नोटिस देकर परिवार के सुपुर्द कर दिया है।
दरअसल, राजा रोड स्थित एक निजी स्कूल के परीक्षा केंद्र प्रभारी अरुण सक्सेना ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि 5 मई को शाम की शिफ्ट में नीट यूजी की प्रवेश परीक्षा को लेकर कमरा संख्या 25 में अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा था। सत्यापन के दौरान अभ्यर्थी मयंक गौतम के फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए। ऐसे में अभ्यर्थी का दोबारे से दो-तीन बार मिलान किया गया, फिर भी मिलान यानी मैच नहीं हो पाया। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की।
वहीं, परीक्षा केंद्र प्रभारी अरुण सक्सेना की सूचना पर कोतवाली नगर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अभ्यर्थी मयंक गौतम से पूछताछ शुरू की। जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसका पूरा भेद खुल गया। आरोपी ने बताया कि उसका नाम राजेश चौधरी है, वो अभ्यर्थी मयंक गौतम के स्थान पर आया हुआ था। जिस पर पुलिस ने आरोपी राजेश चौधरी को मौके से हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई। जहां परीक्षा केंद्र प्रभारी सक्सेना की तहरीर के आधार पर आरोपी राजेश चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
देहरादून नगर कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद्र ने बताया कि राजस्थान के जोधपुर निवासी मयंक गौतम की जगह राजेश चौधरी परीक्षा देने आया था। आरोपी राजेश चौधरी ने बताया कि वो और मयंक गौतम कोटा में एक साथ तैयारी करते थे। वहीं पर उनकी दोस्ती हुई और दोनों मिलकर पूरा प्लान बनाया। जिसके तहत नीट परीक्षा पास करने के लिए मंयक गौतम ने उसे यानी राजेश चौधरी को 2 लाख रुपए देने की बात हुई थी। इसलिए राजेश चौधरी परीक्षा देने देहरादून आ गया था। वहीं, पुलिस ने आरोपी को 41ं का नोटिस देकर परिवार के सुपुर्द कर दिया है।
गर्लफ्रेंड का खर्चा पूरा करने के लिए मुन्ना भाई बना एमबीबीएस का छात्र

Leave a comment
Leave a comment