देहरादून। उत्तराखंड में 2017 से सात साल में वन्य जीवों के हमले में 445 लोगों की मौत हुई हैं। बुधवार को विधानसभा में विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दे पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानव-वन्य जीव संघर्ष को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। सरकार ने क्विक रिस्पांस टीम गठित कर 1.72 करोड़ की राशि दी है। सरकार ने वन्य जीव हमलों में मुआवजा राशि बढ़ाई है। साथ ही बंदर, लंगूर, ततैया व मधुमक्खी के हमलों पर मुआवजे की व्यवस्था की है।
नियम 58 के तहत कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने मानव-वन्य जीव संघर्ष का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। इसे रोकने के लिए सरकार ने कोई ठोस नीति नहीं बनाई। इसके अलावा विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी और गोपाल सिंह राणा ने कहा कि जंगली जानवरों के हमलों से प्रदेश भर में भय का माहौल है। साथ ही किसान खेती करना छोड़ रहे हैं। वन मंत्री ने कहा कि मानव वन्य जीव संघर्ष के लिए 200 करोड़ का कॉर्पस फंड बनाया गया है। इसके अलावा हमलों में घायल और मौत होने पर मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की गई है। मृत्यु होने पर मुआवजा राशि चार लाख से बढ़ा कर छह लाख किया गया। साथ ही गंभीर रूप से घायल को 50 हजार से बढ़ा कर एक लाख, पूर्ण रूप से अपंग होने पर दो लाख से बढ़ा कर तीन लाख किया गया।
उत्तराखंड में सात साल में वन्य जीवों के हमले में 445 लोगों की मौत हुई
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