नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सीलबंद क्षेत्र की पानी टंकी की सफाई के लिए वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश देने की कुछ हिंदू महिलाओं की एक याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका स्वीकार की। पीठ ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को संज्ञान में लिया कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मुस्लिम पक्ष के वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने पीठ के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल को पानी टंकी की सफाई को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।
प्रशासन को सफाई करने दें। इसके बाद पीठ ने निर्देश दिया कि पानी की टंकी की सफाई इस अदालत के पिछले आदेशों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में की जानी चाहिए। इस मामले में दाखिल याचिका में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने महिलाओं की ओर से अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि 16 मई 2022 को सर्वे होने के बाद पानी की टंकी की सफाई नहीं हुई है। याचिका में कहा गया कि पानी की टंकी में मछलियां 20.12.2023 और 25.12.2023 के बीच मर गई हैं। इसी वजह से टंकी से दुर्गंध आ रही है। याचिका में यह भी आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मछलियों की उस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार है, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई है।
एससी ने पानी की टंकी साफ करने को दी परमिशन

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