बिहार : सावधान हो जाएं सरकारी स्कूल के शिक्षक! केके पाठक का ये नया आदेश पढ़ें
बिहार : शिक्षक हो जाएं सावधान, ; कभी भी हो सकती है कार्रवाई! KK Pathak
बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर लगातार सख्ती बरती जा रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (ACS KK Pathak) की ओ से नए-नए नियम लागू किए जा रहे हैं. अब एक और नया आदेश जारी हुआ है. शिक्षकों ने लापरवाही की तो उन पर कार्रवाई हो सकती है. दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग ने निजी कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं लेने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर शिकंजा कसते हुए इस प्रथा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है.
शिक्षा विभाग के स्तर से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए पूरी तरह कमर कस लिया गया है। इस कार्य में कोई कोताही नहीं होने देने को विभाग गंभीर है। एसीएस केके पाठक ने जुलाई 23 में जिस जुनून और जोश के साथ पूरी शिक्षा व्यवस्था को अपने हाथ में लिया था और जिस तेजी से सुधार की दिशा में नए नए कदम उठाया था, वह अब भी बरकरार है। सुधार के तहत कॉलेज/स्कूलों के निरीक्षण की योजना बनी थी। योजना पर लगातार काम चल भी रहा है। यानी निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण को जिला स्तर से अलग और स्टेट से अलग व्यवस्था है। शिक्षा विभाग ने मुख्यालय से एक बार 41 अधिकारियों की एक फौज की तैनात की है, जो कॉलेज और स्कूलों का निरीक्षण करेंगे।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक जनवरी, 2024 को राज्य भर के जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में, उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में सभी निजी कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं लेने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. पत्र में कहा है, “विभाग को शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ सरकारी स्कूल शिक्षक अपने संबंधित क्षेत्रों में निजी कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं ले रहे हैं. इस प्रथा पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है.”
कोचिंग संस्थानों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इसके बाद भी, यदि कोई शिक्षक इस तरह की प्रथा में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी और (ऐसी) गलती करने वाले निजी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी. विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मुख्यालय को उपलब्ध कराने के लिए कहा है.
शिक्षा विभाग द्वारा संकलित एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थानों की कुल संख्या 12,761 है और उनमें नामांकित छात्रों की संख्या 9,95,533 है. पटना में अधिकतम संख्या 1017 (151104 छात्रों के साथ नामांकित) है. इसके बाद बेगूसराय में 636 (60311 छात्र), गया में 623 (44975 छात्र), पूर्वी चंपारण में 604 (90936 छात्र), पूर्णिया में 598 (9585 छात्र), समस्तीपुर में 581 (21101) पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थान हैं. जिस जिले में पंजीकृत कोचिंग संस्थानों की संख्या सबसे कम है वह जहानाबाद है जहां 40 (छात्र: 6115) पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थान है.
पत्र में कहा गया है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समित (बीएसईबी) के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्य भर में कक्षा 10 और कक्षा 12 दोनों के लिए प्रैक्टिकल और थ्योरी परीक्षा आगामी 10 जनवरी से शुरू होगी, इसलिए संबंधित अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने उन स्कूलों में सभी शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करें जहां वे तैनात हैं.
सभी जांच अधिकारी निरीक्षण कर रिपोर्ट किस अधिकारी की सौंपेंगे, विभाग ने स्पष्ट बता दिया है। शिक्षा विभाग के अपर सचिव सह निदेशक (प्रशासन) ने कहा है कि उक्त निरीक्षी पदाधिकारियों को निर्गत पत्र एक से छह जनवरी तक मान्य रहेगा। खास बात यह कि निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार करने के लिए विभाग के स्तर से नया प्रपत्र भी तैयार किया गया है। जारी पत्र में कहा गया है कि सूची में क्रम संख्या 1 से 21 तक के अधिकारी को बिहार शिक्षा परियोजना और 22 से 41 तक के अधिकारी को मध्याह्न भोजन निदेशालय के स्तर से वाहन की व्यवस्था की जाएगी।
इन्हें सौंपी जायेगी रिपोर्ट
अपर सचिव ने कहा है कि कॉलेज का निरीक्षण रिपोर्ट संबंधित अधिकारी उच्च शिक्षा के उप निदेशक दीपक कुमार सिंह और स्कूलों की रिपोर्ट संबंधित डीईओ को सौंपेंगे। इसकी प्रतिलिपि उप निदेशक (प्रशासन) को उपलब्ध कराई जायेगी। अपर सचिव ने कहा है कि जिन जांच अधिकारियों के पास वाहन नहीं होगा, उन्हें मांग पर वाहन उपलब्ध कराया जायेगा। निरीक्षण के लिए अधिकारियों की सूची जारी होने के साथ कॉलेज और स्कूलों के शिक्षकों में हलचल पैदा हो गई है। जो शिक्षक क्लास करने से बचने की सोच रहे होंगे, उनकी सोच पर अब पानी फिर जाएगा। कारण कि जांच से जुड़े अधिकारी कभी भी किसी भी कॉलेज/स्कूल में धमक सकते हैं।