- संसद में सुरक्षा चूक मामले में आठ कर्मियों पर गिरी गाज, लोकसभा सचिवालय ने किया सस्पेंड
- संसद की सुरक्षा चूक मामले में लोकसभा सचिवालय ने लिया सख्त एक्शन
- सुरक्षा चूक की जांच के लिए समिति गठित
नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा चूक मामले में लोकसभा सचिवालय ने सख्त एक्शन लिया है. संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई चूक के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. संसद भवन सुरक्षा स्टाफ से जुड़े हुए 8 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक लोकसभा सचिवालय ने बुधवार (13 दिसंबर) को हुई सुरक्षा चूक की घटना के लिए आठ कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. माना जा रहा है कि इन सभी सुरक्षा कर्मियों को लापरवाही बरतने के लिए सस्पेंड किया गया है. बुधवार दोपहर एक बजे सदन की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में दो घुसपैठिए घुस आए थे, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.
लोकसभा सचिवालय की तरफ से जिन लोगों को सस्पेंड किया गया है, उनके नाम रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र है. संसद में घुसपैठ करने वाले पांच लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. घुसपैठ की घटना को अंजाम देने में छह आरोपी शामिल थे, जिसमें से एक अभी भी फरार चल रहा है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम को उसकी लोकेशन राजस्थान के नीमराना में मिली, जिसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए पहुंची, तो वहां से फरार हो गया. फिलहाल स्पेशल टीम की दो टीमें आरोपी ललित झा की तलाश में जुटी हुई है. उम्मीद है कि उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
किन लोगों को किया गया गिरफ्तार?
संसद के सेंधमारी में जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनकी पहचान सागर शर्मा (26), मनोरंजन डी (34), अमोल शिंदे (25) और नीलम आजाद (42) के तौर पर हुई है. पांचवें व्यक्ति की पहचान विशाल शर्मा के तौर पर हुई है, जिसे पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस ने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस भी दर्ज कर लिया है. गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर सुरक्षा में चूक की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह इस समिति का नेतृत्व कर रहे हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि समिति में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं. समिति का काम सुरक्षा में चूक की वजह का पता लगाना है और कार्रवाई की सिफारिश करना है.
संसद की सुरक्षा में चूक मामले में एक और बड़ी जानकारी सामने आई है. संसद की सुरक्षा में चूक से ठीक पहले सिक्योरिटी बढ़ाने को लेकर टेंडर जारी हुआ था. दरअसल, संसद परिसर की सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को टेंडर जारी किया गया था. सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) का ये टेंडर 35 करोड़ का है और इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 5 महीने का टाइम निर्धारित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 6 काम होने हैं.
1. रिसेप्शन लाउंज का पुनर्विकास (Redevelopment of Reception lounge)
2. सिक्योरिटी ब्लॉक्स (Security Blocks)
3. ई एंड एम सर्विस (E&M services)
4. सिक्योरिटी गैजेट्स (Security Gadgets)
5. बुलेटप्रूफ मोर्चा (Bulletproof Morchas)
6. सीवरेज और जल निकासी सहित बाहरी विकास (External development including sewerage and drainage)
बता दें कि CPWD एक प्रोजेक्ट चला रहा है. इस प्रोजेक्ट का नाम ‘संसद परिसर में रिसेप्शन लाउंज और अन्य सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का पुनर्विकास’ है. टेंडर की कॉपी कुल 36 पेज की है. केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के CPWD के पास संसद के इंफ्रास्ट्रक्चर का जिम्मा है.
बता दें कि संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को देश की संसद में सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया. घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल, 100 आईपीएस अफसरों की टीम आरोपियों का इतिहास खंगालने में जुटी है.