- सीट बंटवारे पर I.N.D.I.A गठबंधन में चर्चा जल्द
- अगली बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला!
- INDIA’ में रार! ‘पहले सीट बंटवारा, फिर आगे की बात…’ क्या अखिलेश की शर्त पर राजी होगी कांग्रेस?
नई दिल्ली : आइएनडीआइए की आगामी बैठक के दौरान सीटों की साझेदारी पर काम करना एजेंडे में शीर्ष पर होगा। यह बैठक 17 से 20 दिसंबर के बीच हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन यह दिसंबर के तीसरे सप्ताह में होगी।
खरगे के आवास पर हुई थी मीटिंग
आइएनडीआइए के कई घटक दल विभिन्न राज्यों में सीट बंटवारे पर जल्द निर्णय लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं, ताकि उम्मीदवारों को प्रचार करने और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर आइएनडीआइए के नेताओं की एक बैठक हुई। इस दौरान दोनों सदनों के लिए संसदीय रणनीति पर चर्चा की गई।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों का चुनावी शोर नतीजों के बाद नजरें अब लोकसभा चुनाव पर हैं. हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों में चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अब विपक्षी इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. सवाल केवल कांग्रेस की हार नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाने और अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नेताओं के बैठक में शामिल होने से इनकार की वजह से भी उठ रहे हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव नतीजों के तुरंत बाद 6 दिसंबर को इंडिया गठबधन की बैठक बुलाई थी.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री और विपक्षी एकजुटता की कवायद के अगुवा नीतीश कुमार, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रमुख और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए इस बैठक से किनारा कर लिया. एक के बाद एक नेताओं के इनकार से ये बैठक खटाई में पड़ गई. खड़गे ने अब 16 दिसंबर को बैठक बुलाई है और इसमें सभी नेता शामिल हों, इसके लिए सभी को तैयार करने की जिम्मेदारी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दी गई है.
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी थी, वह भी नहीं जहां से 2018 में अखिलेश की पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली थी. अखिलेश और कांग्रेस की तल्खी जगजाहिर रही तो वहीं ममता बनर्जी ने भी चुनावी राज्यों में क्षेत्रीय दलों को लेकर ग्रैंड ओल्ड पार्टी के रवैये पर सवाल उठाए थे. जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने भी राज्यों के चुनाव की वजह से इंडिया गठबंधन का कोई कार्यक्रम नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई थी. अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ी लकीर खींच दी है.