- दिल्ली में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को नई इमारत का उद्धाटन, पढ़िए
- Delhi के अपराधियों की अब खैर नहीं, LG सक्सेना ने बताया ऐतिहासिक
- जल्द हो सकेगी आरोपियों की पहचान
नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजधानी में फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री के नए एनेक्सी भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उपराज्यपाल ने इसे ऐतिहासिक मौका बताया। उन्होंने कहा कि एफएसएल अपराध विज्ञान का एक महत्वपूर्ण निकाय है, जो अपराधों को रोकने और आपराधिक मामलों में न्याय दिलाने में तेजी से मदद करता है।
फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी दिल्ली सरकार की एक इकाई है जो अत्याधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों द्वारा अपराध की पहचान करती है, अपराधों के लिए पूर्वानुमान द्वारा राज्य पुलिस बल को अपराध से रोकने में मदद करती है. इन प्रयोगशाला में वैज्ञानिक अपराध स्थलों, पीड़ितों, संदिग्धों से एकत्रित किए गए सबूतों का विश्लेषण करते हैं.
नए भवन के उद्धाटन के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल और मंत्री कैलाश गहलोत ने एफएसएल के कामकाज की जमकर सराहना की. एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि किसी भी अपराधिक मामलों में सबूतों की कड़ी से कड़ी जोड़कर दिल्ली पुलिस की जांच में मददगार साबित होने वाली संस्थान फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी को एक नई सौगात मिली है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष छवि रहती है, ऐसे में पेचीदा मामलो को सुलझाने के लिए एफएसएल दिल्ली पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होती है. एफएसएल की जांच से दिल्ली पुलिस के काम में मदद मिलती है और न्याय मिलने में आसानी होती है. उपराज्यपाल ने कहा कि एफएसएल लगातार ऑर्गनाइज क्राइम ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा कार्यक्रम में कई उच्च अधिकारी भी शामिल हुए.
मौके पर दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि पुलिस और एफएसएल एक सिक्के के दो पहलू हैं, ऐसे में किसी भी अपराधिक मामलों में एफएसएल की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अपराधों पर लगाम लगाने में एमएसएल अपना काम बखूबी करती है और इस नई बिल्डिंग के बनने और आधुनिक व्यवस्था मिलने से काम में और तेजी आएगी. इसे बनाने का जिम्मा पीडब्लूडी को दिया गया था, जिसे पीडब्ल्यूडी ने निर्धारित समय सीमा में पूरा कर एफएसएल को सौंप दिया.
उन्होंने कहा कि इस भवन में एक महीने के भीतर काम करना शुरू हो जाएगा। इससे क्राइम के सैंपल्स का निपटान तेजी से होगा। पहले नमूने यहां जमा होते थे। यह लैब यहां बैकलॉग को खत्म करने में मदद करेगी। दिल्ली पुलिस इस पर काफी निर्भर रहती है। आजकल अपराध काफी साइंटिफिक हो गए हैं, इसलिए क्राइम को पहचानने और अपराधियों को पकड़ने के लिए उन्नत तकनीक की जरूरत है। इस लैब से दिल्ली में अपराधों के निपटारे में मदद मिलेगी।