चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
उत्तराखंड सरकार द्वारा पर्यटन विभाग से संचालित होम स्टे योजना पहाड के दूरस्थ गांव में रोजगार का मुख्य साधन बनते जा रही है। ग्रामीण होम स्टे से हजारों रुपए कमा कर स्वरोजगार के लिए वरदान साबित हो रहा है।
योजना के तहत लाभार्थियों को 50 प्रतिशत अनुदान पर ऋण दिया जा रहा है।
गुरुवार को देवाल विकास खंड के दूरस्थ गांव वाण में होम स्टे के तहत तैयार हुए बिष्ट होम स्टे का उद्घाटन करते हुए पर्यटन अधिकारी सोवन सिंह राणा ने कहाने कहा कि होम स्टे योजना धीरे धीरे प्रधान चढ़ते जा रही है। इस योजना से बने होम स्टे ग्रामीणों के लिए स्वरोजगार का जरिया बनने लगा है। ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। ग्रामीणों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।
इस मौके पर महिलाओं ने पारम्परिक भेष-भूषा मे लोकनृत्य कर अतिथियों का स्वागत सत्कार किया।
होम स्टे संचालन हीरा गढ़वाली ने कहा की होम स्टे योजना से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।घर बैठे रोजगार मिल रहा है। होम स्टे में ठहरने वाले पर्यटकों को घर में आए अतिथियों की तरह रख कर पहाड़ी भोजन परोसा जाता है।
उन्होंने वाण गांव को पर्यटन गांव धोषित करने, मोनाल टाप को ट्रक आफ द ईयर बनाने , रणकधार से वेदनी रोपवे के निमार्ण, माउटिनेटिग एवं टेकिंग संस्थान खोलने, प्रत्येक परिवार को होम स्टे योजना से जोड़ने की मांग उठाई है।
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के जनार्दन थपलियाल , ग्राम प्रधान पुष्पा देवी पूर्व डिप्टी रेंजर टीएस बिष्ट, नरेंद्र सिंह, कौशल्या देवी, हीरा बुग्याली, खिलाफ सिंह, रघुबीर सिंह, मोहन सिंह, जयवीर सिंह, बलवंत सिंह , , सुरेन्द्र सिंह, सहित तमाम लोग मौजूद थे।
ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है होम स्टे योजना

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