ड्राइवर और गार्ड ने बीच रास्ते में छोड़ी दो ट्रेनें, यात्रियों ने किया हंगामा
बाराबंकी से भारती : लखनऊ-गोंडा-गोरखपुर रेल प्रखंड पर बुधवार को दो ट्रेनों के चालक और गार्ड की हरकत से सैकड़ो यात्री परेशान रहे। हुआ यह कि बुढवल रेलवे स्टेशन पहुंची सहरसा एक्सप्रेस और बरौनी एक्सप्रेस के चालक और गार्ड यह कहकर ट्रेन को छोड़कर चले गए कि मेरी ड्यूटी पूरी हो गयी है। बीच रास्ते में ही दो ट्रेनों के खड़े हो जाने से यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद लखनऊ से चालक और गार्ड बुलवाए गए तब दोनों ट्रेने रवाना हो सकी। इस दौरान यात्रियों को सम्हालने में स्टेशन मास्टर और सुरक्षा कर्मियों को पसीने छूट गए।
आपको बताते चले कि यूपी के बाराबंकी जिले में लखनऊ-गोंडा -गोरखपुर रेलखंड पर बुधवार को दो ट्रेन के ड्राइवर अपनी 12 घंटे ड्यूटी टाइम पूरा होने की बात कहकर रेलवे ट्रैक पर रेलगाड़ी खड़ी छोड़ कर चले गए। इसके कारण बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर सहरसा से चलकर दिल्ली जाने वाली ट्रेन 3.40 घंटे और बरौनी से लखनऊ जाने वाली ट्रेन 1.41 घंटे तक बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही।
ट्रेनों के आगे न बढ़ने पर यात्रियों ने स्टेशन पर जोरदार हंगामा किया। इसके चलते स्टेशन अधीक्षक ने यात्रियों की समस्या पर फोन उठाना भी बंद कर दिया। सूचना कंट्रोल को दी गयी इस पर रेल विभाग ने आनन-फानन में लखनऊ से बुढ़वल को ड्यूटी पर दूसरे चालकों को भेजा इसके बाद दोनों ट्रेनों को उनके गंतव्य की ओर भेजा जा सका।
स्टेशन अधीक्षक के मुताबिक दोनों एक्सप्रेस ट्रेनों के चालक और गार्डों ने ट्रेन आगे ले जाने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उनकी ड्यूटी टाइम के 12 घंटे पूरे हो चुके थे। ट्रेनों के घंटो खड़े रहने से सवार यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। इन यात्रियों को समझाने में आरपीएफ, जीआरपी और स्टेशन अधीक्षक को पसीने छूट गए।
गौरतलब हो कि बिहार के सहरसा से चलकर नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन बुधवार दोपहर 1:15 पर बुढ़वल स्टेशन पर पहुंची। यह ट्रेन प्लेटफार्म नंबर तीन और चार के बीच खड़ा कर चालक और गार्ड खिसक गए। लखनऊ से दूसरे ट्रेन के चालक और गार्ड लखनऊ पहुँचने के बाद सहरसा-नई दिल्ली एकप्रेस 4:50 बजे रवाना हुई।
यह ट्रेन 3 घंटे 40 मिनट रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही। वहीं बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन शाम 4:04 बजे बुढ़वल स्टेशन पर पहुंची थी। इस ट्रेन को भी दूसरे चालक और गार्ड के आने पर 5:46 बजे गंतव्य के लिए रवाना किया जा सका।