उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। टनल के अंदर फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए विदेशों से एक्सपर्ट और मशिनरी मंगाई गई थी, लेकिन यह सब टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में असफल रहे। अंत में रैट माइनर्स ने टनल में खुदाई कर मौत के मुंह में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में रैट माइनर्स की मेहनत को खूब सराहा जा रहा है। इसी के चलते उत्तराखंड की धामी सरकार ने इन रैट माइनर्स को 50-50 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है।
बता दें कि दिवाली की सुबह लैंडस्लाइड की वजह से टनल के अंदर काम करने वाले 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। इन मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए 17 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। एक समय ऐसा आया जब सारी मशीनें फेल हो गईं, लेकिन 12 रैट माइनर्स की टीम ने अपनी जान को जोखिम में डालकर 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
दरअसल इन रैट माइनर्स को प्राइवेट कंपनी ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेज की ओर से बुलाया गया था। 12 रैट माइनर्स की टीम के 6 सदस्य दिल्ली के खजूरी इलाके में रहते हैं, जबकि 6 यूपी के रहने वाले हैं। रैट माइनर्स में शामिल यह लोग पाइपलाइन मजदूर हैं और दिल्ली जल बोर्ड और गैस का काम करते हैं। इसलिए ये जमीन के अंदर सुरंग बनाने में माहिर माने जाते हैं।
रैट माइनर्स को 50-50 हजार रुपए ईनाम देगी उत्तराखंड की धामी सरकार
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