नई दिल्ली : राजधानी में सोमवार को प्रदूषण ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया. सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई). इससे पहले रविवार सुबह एक्यूआई 290 और शाम को 301 दर्ज किया गया था. मंगलवार से हवा 14 किलोमीटर प्रति घंटे से चलने की उम्मीद है, जिससे प्रदूषण से लोगों को राहत मिलेगी. वहीं प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली में सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे जो सोमवार से दोबारा खुल गए.
वहीं दूसरी तरह कृत्रिम बारिश को लेकर आईआईटी कानपुर के अधिकारियों ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ मैदानी इलाकों को प्रभावित नहीं करेगा. ऐसे में दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए नमी वाले बादल पर्याप्त नहीं होंगे. यानि फिलहाल कृत्रिम बारिश भी नहीं कराई जा सकती है और सरकार ने फिलहाल इसे स्थगित कर दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े देखें, तो सोमवार सुबह दिल्ली समेत फरीदाबाद गाजियाबाद और नोएडा का अक्यूआई 300 से अधिक दर्ज किया गया.
वहीं ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में एक्यूआई 300 से नीचे दर्ज किया गया है. हालांकि रविवार के मुकाबले सोमवार को प्रदूषण के स्तर में थोड़ी वृद्धि देखी. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के कारण धुंध छाई हुई है, जिससे दृश्यता कम होने के कारण यातायात प्रभावित रहा है. इसके अलावा इससे हवाई जहाज का संचालन भी काफी प्रभावित हो रहा है. वहीं बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सभी स्कूलों को 18 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया गया था. हालांकि प्रदूषण में थोड़ी कमी आने पर सोमवार से दिल्ली के स्कूल खुल गए हैं और सभी विद्यार्थियों की ऑफलाइन क्लासेस चलेगी.
गौरतलब है कि प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली सरकार ने 20 या 21 नवंबर से आसपास, दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा करने की योजना बनाई थी. उम्मीद थी कि इस तारीख के आसपास पश्चिमी विक्षोभ का असर पड़ेगा. इसके लिए आईआईटी कानपुर से एक्शन प्लान भी मांगा गया था और कई बार बैठक की गई थी, लेकिन बीच में हुई बारिश से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई थी. वर्तमान की बात करें तो आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने दिल्ली सरकार को बताया है कि पश्चिमी विक्षोभ मैदानी इलाकों में नमी वाले बदल नहीं आ पा रहे हैं और कृत्रिम वर्षा के लिए पर्याप्त क्लाउड कवर की आवश्यकता होती है.
उन्होंने बताया कि अनुकूल मौसम न होने के कारण फिलहाल कृत्रिम वर्षा का नहीं कराई जा सकती. आईआईटी कानपुर के अधिकारियों के मुताबिक वे भारत मौसम विज्ञान विभाग के सम्पर्क में हैं, जिससे अनुकूल मौसम का पता लग सके. दिल्ली में कृत्रिम वर्षा से संबंधित प्रपोज उपराज्यपाल को इस सप्ताह भेज दिया गया था. हालांकि अभी दिल्ली में हवा चलने से प्रदूषण के स्तर के स्तर में गिरावट की गई है, जिससे अभी कृत्रिम वर्षा की जरूरत नहीं है.