सड़क न होने से सड जाएगी कास्तकारों की उम्मीदें
थराली। चमोली जिले के सर्वाधिक आलू एवं चौलाई उत्पादक गांवों में सुमार थराली विकास खंड के अंतर्गत रतगांव के किसानों के सामने इस वर्ष आलू को मंडी तक पहुंचने की समस्या खड़ी हो गई हैं। आशंका जताई जा रही हैं कि जल्द ही खोदे गए आलू को मंडियों तक नहीं पहुंचाया गया तो आलू सड़ सकता है।
करीब पांच हजार की जनसंख्या वाले रतगांव को यातायात से जोड़ने वाली एक मात्र मोटर सड़क सोल डुंग्री-रतगांव बरसात बाद भू-धंसाव एवं भूस्खलन के कारण आवागमन के बंद पड़ी हैं। जिसे अब तक लोनिवि थराली नहीं खोल पाया है। ऐसा नहीं है कि विभाग ने सड़क खोलने के लिए प्रयास नहीं किए, किंतु ग्रामीणों के विरोध के चलते सड़क यातायात के लिए नहीं खुल पा रही है।
दरअसल डुंग्री-रतगांव सड़क प्राणमती नदी के किनारे एवं बूंगा व बुरसोल गांव के नीचे से हो कर गुजरती हैं। जिससे दोनों गांवों की काफी अधिक जमीन सड़क से हुए भूस्खलन के कारण नष्ट हो गई हैं। इसके साथ ही दोनों गांवों को खतरा भी उत्पन्न हो गया है। पहले बूंगा गांव के ग्रामीणों ने बूंगा गांव से आगे बिना सुरक्षात्मक कार्य किए आगे सड़क नहीं खुलने दी। जिस पर रतगांव के ग्रामीणों, लोनिवि एवं तहसील प्रशासन के मनाने एवं आश्वासन पर बूंगा गांव के ग्रामीणों ने सड़क को आगे के लिए खोलने दिया।
किंतु आगे अब बुरसोल के ग्रामीण बिना सुरक्षात्मक कार्य करने के ठोस आश्वासन मिलने तक सड़क को आगे नही खोलने देने पर अड़े हुए हैं। जिससे सड़क रतगांव के लिए नहीं खुल पा रही है। इस सड़क पर प्राणमती नदी में बना वैलीब्रिज भी इस बरसात में बह गया है, जिससे संकट अधिक गहराया हुआ है।
सड़क के बिना कैसे पहुंचेगा मंडी तक पहुंचेगा आलू

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