देहरादून। आरोग्य – सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रकल्प के अंतर्गत, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस शिविर में दमा, पुरानी खांसी, नजला एवं श्वांस से संबंधित अन्य रोगों के इलाज़ के लिए रोगियों को वैदिककालीन आयुर्वैदिक पद्धति द्वारा निर्मित औषधियुक्त खीर वितरित की गई। पिछले डेढ़ दशक से प्रति वर्ष हज़ारों लोग इन शिविरों के माध्यम से लाभान्वित होते रहे हैं। प्रत्येक वर्ष कि भांति इस वर्ष भी संस्थान ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश में स्थित विभिन्न आश्रमों में इस उत्सव का आयोजन किया। संयुक्त राज्य अमरीका में भी इस उत्सव को मनाया गया। कुल देश विदेश में अनेकों राज्यों के 26 स्थानों पर यह कार्यक्रम मनाया गया।
अश्विन मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली शरद पूर्णिमा को पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होने के कारण चंद्रमा की किरणों का प्रभाव अमृत तुल्य होता है। आयुर्वेदाचार्य भी इस बात की पुष्टि करते है कि शरद पूर्णिमा की किरणों में शरीर, मन और आत्मा को सुद्रढ़ करनें वाले औषधीय गुण होते हैं। इसी कारण पूरे दिन उपवास रखकर रात में, खुली चांदनी में मिट्टी या चांदी के बर्तन में पकाई एवं रखी गई खीर का सेवन किया जाता है। यह खीर सर्दियों के प्रारम्भ के साथ बढ़ने वाले पित्त रोग के प्रभाव को शांत करती है। शिविर में उपस्थित लोगों को आयुर्वैदिक चिकित्सक ने जागरूक करते हुए बताया कि शरद पूर्णिमा की रात आयुर्वैदिक औषधियुक्त खीर का सेवन करने और साथ में उचित परहेज रखने से दमा,खांसी व अन्य श्वांस सम्बंधित रोग हमेशा के लिये दूर हो जाते हैं। साथ ही संस्थान के प्रतिष्ठित प्रचारकों ने सभी उपस्थितगणो को इस दिन के महान आध्यात्मिक महत्व से अवगत कराया। संस्थान प्रतिवर्ष इस त्यौहार के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और चिकित्सीय गूणों को पुनर्जीवित करने के आशय से इस महोत्सव का आयोजन करता है।
इस वर्ष भी महोत्सव में बड़ी संख्या में पुरुषों, महिलाओ, बच्चों और नियमित रूप से आने वाले लाभार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक प्रार्थना और भजन के साथ की गई। रात भर जागने की व्यवस्था हेतु सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए। आगंतुकों को सजग रखने हेतु योग संबंधी खेल और प्रश्नोत्तरी भी आयोजित किये गये ।
साथ ही मरीजों को आयुर्वैदिक दवाओं के समग्र लाभ पर भी जागरूक किया गया। आयुर्वैदिक डॉक्टरों द्वारा सभी रोगों के लिये मुफ्त परामर्श और बुनयादी स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई गयी। महोत्सव में सभी सम्मलित लोगों ने बढ़ चढ़ के कार्यक्रम का लाभ उठाया।