CPEC का नाम लिए बिना चीन को लगाई फटकार
नई दिल्ली। भारत ने विभिन्न देशों की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करने वाले चीन को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान खूब धोया। विदेश मंत्री ने चीन पर कटाक्ष करते हुए गुरुवार को कहा कि सभी देशों को एक दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करना होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सख्ती से पालन भी करना होगा। जयशंकर का इशारा सीधे तौर पर चीन की ओर था। उन्होंने यह भी कहा कि एससीओ को अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सख्ती से पालन करते हुए एक-दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करके और आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि एससीओ को अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सख्ती से पालन करते हुए एक-दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करके, आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करके क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मध्य एशियाई राष्ट्रों के हितों की केंद्रीयता एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बीजिंग, पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में अरबों डालर का निवेश कर रहा है। चीन सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के सीमा क्षेत्रों में भी अवैध गतिविधियों को अंजाम देकर उसकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है। भारत ने पाक में इसीलिए सीपीईसी परियोजना का विरोध किया है, क्योंकि यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के भीतर व्यापार में सुधार के लिए हमें मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे की जरूरत है। ऐसी पहलों में सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान (अवश्य) किया जाना चाहिए।
एक-दूसरे की संप्रभुता का करें सम्मान
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