मेरठ। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) में एनएसडीसी अकादमी के तहत ‘भविष्य कौशल केंद्र’ की स्थापना कर रहा है। इस अत्याधुनिक केंद्र के माध्यम से युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), हेल्थकेयर/पैरामेडिकल और भाषाओं जैसे नए तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्पोर्ट्स फिजिकल एजुकेशन फिटनेस एंड लीजर स्किल्स काउंसिल (एसपीईएफएल-एससी) भी सीएसआर योजनाओं के तहत एक निर्माण एवं प्रशिक्षण सुविधा स्थापित कर रहा है। शनिवार को कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी की उपस्थिति में विश्वविद्यालय परिसर में दो समझौता ज्ञापनों (एमओयूएस) पर हस्ताक्षर किए गए।
पहला समझौता ज्ञापन एनएसडीसी के सीईओ एवं एमडी श्रीवेद मणि तिवारी और सीसीएसयू की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के बीच हस्ताक्षरित हुआ, जिसका उद्देश्य मुख्यधारा की शिक्षा में कौशल विकास को एकीकृत करना है। दूसरा समझौता एसपीईएफएल-एससी के सीईओ तहसीन जाहिद और प्रो. संगीता शुक्ला के बीच हुआ, जो स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 600 महिलाओं को बैडमिंटन रैकेट और शटल कॉक के निर्माण-केंद्रित प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए किया गया। इस अवसर पर जयंत चौधरी ने कहा, “मेरठ में ‘भविष्य कौशल केंद्र’ की स्थापना छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हेल्थकेयर, मशीन लर्निंग जैसे नए जमाने के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का शानदार अवसर प्रदान करेगी। इस तरह की पहल से छात्रों को नई तकनीकों में कुशल बनाया जाएगा, जिससे वे उद्योगों में अपनी पहचान बना सकेंगे।” इस साझेदारी का उद्देश्य हाई-डिमांड सेक्टरों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना और कौशल-आधारित कार्यक्रमों को अकादमिक पाठ्यक्रमों से जोड़कर रोजगार क्षमता को बढ़ाना है। यह ‘स्किल इंडिया डिजिटल हब’ (एसआईडीएच), ‘एनएसडीसी जॉबएक्स और एनएसडीसी इंटरनेशनल’ का उपयोग करके भारत और विदेशों में कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा।
एनएसडीसी के सीईओ एवं एमडी श्रीवेद मणि तिवारी ने कहा, “तेजी से विकसित होती तकनीकों के बीच भविष्य की कार्यबल को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल प्रदान करना आवश्यक है। ‘भविष्य कौशल केंद्र’ टेक और नॉन-टेक दोनों क्षेत्रों में उन्नत कौशल प्रदान करेगा, जिसमें हेल्थकेयर और पैरामेडिक टेक्नोलॉजी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों के लिए भाषा पाठ्यक्रम शामिल होंगे।”
सीसीएसयू की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा, “कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह समझौता बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय परिसर में शटलॉक निर्माण केंद्र की स्थापना से नई रोजगार संभावनाएं उत्पन्न होंगी और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। हमारा लक्ष्य महिलाओं को आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक कौशलों में प्रशिक्षित करना है, जिससे वे उद्योगों से जुड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें।”
भविष्य कौशल केंद्र: मेरठ को कौशल विकास का हब बनाने की दिशा में कदम एनएसडीसी द्वारा देशभर में 50 ‘भविष्य कौशल केंद्र’ स्थापित करने की योजना के तहत मेरठ में यह केंद्र उभरती तकनीकों में छात्रों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण देगा। यह केंद्र मेरठ को कौशल विकास, नवाचार और रोजगार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने में सहायक होगा और इंडस्ट्री 4.0 के लिए भारत की कार्यबल तैयार करेगा।
एनएसडीसी ने की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में ‘भविष्य कौशल केंद्र’ की स्थापना

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