देहरादून। उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने अपनी तमाम मांगों को लेकर कल 11 नवंबर को सचिवालय कूच करने का निर्णय लिया है। उपनल कर्मचारी महारैली निकालते हुए सचिवालय का घेराव करेंगे। जिसके लिए जिसमें संघ ने कर्मचारियों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने को लेकर उपनल कर्मियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। मोर्चे ने 11 नवंबर को एक महारैली कर सचिवालय कूच करने का फैसला किया है। महारैली को सफल बनाने के लिए उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ के पदाधिकारीयों ने आज अपने संदेश जारी किए है।
बता दें पिछले माह 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की नियमितीकरण के खिलाफ एसएलपी खारिज कर दी थी। वर्ष 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा लिया गया उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के पक्ष में लिए गए निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा। इसके बाद उपनल कर्मियों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर कर्मचारी अब आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं। जिसका पहला चरण 11 नवंबर को विशाल महारैली सचिवालय कूच के रूप में होने जा रहा है। उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने सोमवार को महत्वपूर्ण आपातकालीन सेवाओं से संबंधित विभागों दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय, ऊर्जा निगम, वन विभाग सहित अन्य विभागों में पहुंचकर उपनल कर्मचारियों के साथ मीटिंग की है।
उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तमाम पदाधिकारियों ने अपने संदेश जारी करते हुए अधिक से अधिक संख्या में महारैली में पहुंचने की अपील की है। उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कहा अगर महारैली के बाद भी सरकार ने अगर उपनल कर्मियों की मांगे नहीं मानी तो उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने पर मजबूर होना पड़ेगा। महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महेश भट्ट और महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा सरकार यदि जल्द से जल्द उपनल कर्मियों के मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो 11 नवंबर के बाद प्रदेश की ऊर्जा, चिकित्सा और परिवहन जैसी आपातकालीन सेवाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी जाएंगी।
उत्तराखंड में उपनल कर्मियों की आर-पार की लड़ाई
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