नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले हफ्ते एक आदेश जारी कर आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी अधिकारियों की भागीदारी पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। सरकार के इस फैसले पर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहा है। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी आदेश का एक स्क्रीनशॉट साझा किया और कहा कि 58 साल पहले जारी एक असंवैधानिक निर्देश को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है।
वही, कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी 9 जुलाई को एक कार्यालय ज्ञापन साझा किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कानून तोड़कर जो हो रहा था वह अब नियमित हो गया है क्योंकि जी2 और आरएसएस के बीच तनाव बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 4 जून, 2024 के बाद, स्व-अभिषिक्त गैर-जैविक प्रधान मंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में गिरावट आई है। 9 जुलाई, 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया, जो वाजपेयी के प्रधान मंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था।
58 year old decision reversed : आरएसएस में अब शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी, जयराम रमेश ने कसा तंज
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