- क्या NDA में शामिल होगी जदयू, राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता, पढ़िए..
- राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता’, जदयू के दिग्गज नेता ने दिया बड़ा बयान
- जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद केसी त्यागी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एनडीए में शामिल होने को लेकर पार्टी का पक्ष रखा है।
पटना : JDU Meeting: नई दिल्ली देश की राजनीति में हफ्ते भर से लगाए जा रहे कयासों एवं चर्चाओं पर शुक्रवार को उस समय विराम लग गया, जब दिल्ली में जदयू कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को नया अध्यक्ष चुन लिया गया।
दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सीनियर नेता केसी त्यागी ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के फैसले को राष्ट्रीय परिषद में अनुमोदित किया. ललन सिंह के इस्तीफे को स्वीकार कर नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. जाति आधारित जनगणना को लेकर देश भर में प्रचार प्रसार किया जाएगा. इंडिया गठबंधन का भी ये एजेंडा होगा. नीतीश कुमार जनवरी महीने में जन-जागरण के लिए निकलेंगे. झारखंड से शुरुआत होगी. एनडीए में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड है, एनडीए में जाने के क़यास मत लगाइए. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता.
चार राजनीतिक प्रस्ताव पास
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- जाति आधारित गणना
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- INDIA एजेंडे में रहेगा और हम प्रचारित करेंगे
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- संसद शीतक़ालीन सत्र में सांसदों का निलंबन शर्मनाक
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद में घटक दलों के साथ उम्मीदवारों के चयन, पार्टी के नेता नीतीश कुमार अधिकृत किए गए.
जदयू कार्यकारिणी में ललन सिंह ने ही नीतीश के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसपर कार्यपरिषद ने बिना किसी प्रतिरोध के मुहर लगा दी। नीतीश कुमार ने दूसरी बार पार्टी की कमान संभाली है। इस बीच पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी का बयान भी सामने आया है।
केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा के साथ जदयू के जाने के कयासों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा से हमारा लेना-देना नहीं। लेकिन भाजपा से पुरानी मित्रता के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। असहमति होती है। विचारों की भिन्नता होती है।
जदयू अपनी शर्तों पर राजनीति करती है। राजग में रहते हुए भी हमने समान नागरिक संहिता का समर्थन नहीं किया। इसीतरह राम मंदिर पर भी जब तक कोर्ट से फैसला नहीं आया तब तक हमारी लाइन भाजपा से अलग रही।
वहीं इससे पहले जाति आधारित गणना के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन को निशाने पर रखा। कार्यकारिणी और कार्यपरिषद की बैठक में जोर देकर कहा कि ‘कांग्रेस भी क्या कर रही है? घूम-घूम कर जाति गणना की बात कर रही है लेकिन कभी भी बिहार में हुए काम की प्रशंसा नहीं की।
नीतीश कुमार ने कहा कि मुंबई की बैठक में तय किया था कि इसे एजेंडे में शामिल किया जाएगा लेकिन कुछ लोगों ने विरोध किया और टल गया।
वहीं, राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा कि हमें अगर निमंत्रण मिलता है तो हम नि:संकोच जाएंगे. उद्घाटन के मौके पर हमको आमंत्रित किया जाएगा तो हम उसमें शामिल होंगे. केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के विचारों के संयोजक हैं और इंडिया गठबंधन के ‘विचारों के प्रधानमंत्री’ हैं. नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह अभी तय नहीं किया गया है.
इस तरह से ललन सिंह के इस्तीफे की अटकलें शुक्रवार को सही साबित हो गईं. सूत्रों की मानें तो ललन सिंह की कार्यशैली पर कई पार्टी के नेताओं ने नीतीश कुमार से शिकायत की थी. वहीं, सूत्रों ने ये भी बताया कि ललन सिंह ने खुद इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव की तैयारियां करनी हैं, इसलिए वो इस पद से मुक्त होना चाहते हैं. नीतीश कुमार के जेडीयू अध्यक्ष बनने पर सहयोगी आरजेडी और कांग्रेस ने स्वागत किया है. वहीं, विपक्षी बीजेपी ने तंज किया.